रांची:झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने लोहरदगा के भंडरा प्रखंड के नवडीहा और कसपुर ग्राम में बने नवनिर्मित पड़हाभवन का उद्घाटन किया ।
इस मौके पर मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि वर्तमान युग में विकास कार्य में परंपरा एवं सामाजिक उन्नति का समावेश होना आवश्यक है, हम जब समाज को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करते हैं तो परंपरा का संरक्षण भी होता है और विकास कार्य को भी बढ़ावा मिलता है। यह दो पड़हा भवन हमारी पहचान है यह हमारा धार्मिक, सांस्कृतिक, एवं सामाजिक पहचान है,प्रार्थना का केंद्र है, यह सभास्थल भी है ,इस ग्राम के ग्रामीणों की मांग थी कि यहां इसका निर्माण किया जाए, और हमने इसे धरातल पर उतरने का काम किया और हमारा उद्देश्य भी है की हम हमारी संस्कृति, सभ्यता, परंपरा की रक्षा करें।
वित्त मंत्री यही नहीं रुके उन्होंने इसे लेकर कहा ,हमने ये भी प्रयास किया की जिले में सबसे बड़े पड़हाभवन का निर्माण किया जाय। जिससे सामाजिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। हमें आधुनिक युग में अपनी पुरखों की पहचान को बचाने की आवश्यकता है। यह हम आदिवासियों की पहचान है मैंने लोहरदगा जिले में अब तक विधायक निधि से 144 अखड़ा का निर्माण किया गया है इसके साथ साथ पारंपरिक वाद्ययंत्रों मांदर 300 एवं नगाड़े 100 वितरण किए।
सामाजिक विकास के साथ-साथ हमारी सरकार एवं हमारे विधायक मद के द्वारा विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। जिससे पूरे लोहरदग्गा का विकास करने का काम किया जा रहा है।वर्तमान समय में अबूवा आवास तीन कमरों का जो गरीब लोगों के लिए काफी लाभदायक साबित हो रही है,राशन कार्ड से अनाज के वितरण एवं अनेक ऐसे जनकल्याणकारी योजना हमारी सरकार द्वारा चलाई जा रही है जिससे आम ग्रामीण जनता का लाभ हो सके। मेरे विधायक निधि से ग्रामीणों की मांग पर प्राथमिकता के आधार पर निर्माण कार्य किया जा रहा है।इन सभी योजनाओं के द्वारा गांव का विकास एवं ग्रामीणों की मांगो का कार्य किया जा रहा है।
हम आपको बता दें कि लोहरदगा के भंडरा प्रखंड के नवडीहा और कसपुर ग्राम में बने नवनिर्मित पड़हाभवन का निर्माण वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के द्वारा दिए गए विधायक फंड की राशि से किया गया है। जिसका उद्घाटन आज झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने किया।
इस मौके पर मुख्य रूप से कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुखेर भगत,विधायक प्रतिनिधि निशीथ जायसवाल,जिप अध्यक्ष रीना कुमारी, जिप सदस्य सुखदेव उरांव,उमेश्वरनाथ तिवारी, डोमना उरांव,जुगल भगत,सत्यदेव भगत, सद्रुल अंसारी, सामुल अंसारी,तनवीर गौहर,फहद खान,विशाल डुंगडुंग,असलम अंसारी,एनुल अंसारी, अब्दुल मन्नान, बैधनाथ पांडे, रौनक इकबाल,मंसूर अंसारी,सुशील उरांव,हरिदास उरांव, मंगरा उरांव, बीजू उरांव,फुलदेव उरांव, बिठु उरांव,इंद्रदेव भगत, एतवा उरांव,गंगा उरांव,बिरसा उरांव,विजय उरांव,वासुदेव उरांव,बुधवा उरांव,शशिकांत उरांव,निरंजन उरांव,सोमनाथ उरांव, रऊफ अंसारी, समीम अंसारी,बिरसू उरांव,काले उरांव, बिरसा उरांव,तुलसी उरांव,कविता उरांव,अंजली उरांव,शांति उरांव, रूजा उरांव,सुमन उरांव, अंजू उरांव,अनिता उरांव,अनुप्रिया उरांव,आदि पार्टी के कार्यकर्ता एवं ग्रामीण उपस्थित थे।