Ranchi: झारखंड की सत्तारूढ़ गठबंधन पर पॉलिटिकल जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया हुए आज भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के एक तबके के द्वारा भोली भाली आदिवासी लड़कियों को प्रेम जाल में फांसकर विवाह किया जाता है। बाद में आदिवासियों के लिए आरक्षित मुखिया, जिला परिषद, पंचायत ,सरपंच की सीटों पर उन्हें लड़ा कर सत्ता पर काबिज होने का पॉलिटिकल जिहाद होता है। उसके बाद से इस आदिवासी महिला की भूमिका को कम किया जाता है और सारा कामकाज उसके मुस्लिम पति देखने लगते हैं।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा, पाकुड़ जिले में ऐसे कई दर्जन उदाहरण हैं जिस पर इन मुस्लिम कट्टरपंथियों ने अपनी आदिवासी पत्नियों को चुनाव जीता कर सत्ता में काबिज होने का षड्यंत्र रचा है।इनमें से कुछ ने तो इन भोली भाली आदिवासी बेटियों को फंसा कर दूसरी और तीसरी पत्नी के रूप में रखा हुआ है। प्रतुल ने पाकुड़ का उदाहरण देते हुए कहा कि लालू शेख, ख्यार शेख, महबूब आलम, आजाद मियां, वकील मंसूरी, उम्मेद अली अंसारी, अब्दुस शमीम, आजाद अंसारी, सागिर अंसारी, मोहम्मद शेख, हजरत अली कई दर्जन ऐसे मुस्लिम युवक हैं जिन्होंने आदिवासी बेटियों को अपने मोह जाल में फंसा कर विवाह किया।फिर इन पत्नियों को विभिन्न स्तरों के चुनाव में लड़वाया और कई मामलों में जितवाया भी और उनके जरिए पॉलिटिकल जिहाद कर सत्ता पर काबिज हो गए।प्रतुल ने राज्य के दूसरे हिस्सों का भी उदाहरण देते हुए कहा कि तबारक अंसारी, इकरामुल अंसारी, मोइन अंसारी, रब्बुल अंसारी, शाहबुद्दीन शेख, शाहजहां शेख, टीपू अंसारी जैसे लोगों ने भी राज्य के अन्य हिस्सों में पॉलीटिकल जिहाद किया है। ऐसे 200 से ज्यादा लोगों की सूची है जो पॉलिटिकल जिहाद के जरिए सत्ता पर काबिज हुए हैं या काबिज होने की कोशिश की है।

भाजपा प्रवक्ता ने इस प्रकार के पॉलिटिकल जिहाद को लेकर कहा कि जब देश और राज्य में उनकी सरकार बनेगी तो गृह मंत्रालय से पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करेंगे की कहीं इन आदिवासी बेटियों को प्रताड़ित तो नहीं किया जा रहा है।

आलमगीर आलम तुरंत दें इस्तीफा,इनके अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की हो जांच

वहीं  भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से अविलंब इस्तीफे कि मांग करते हुए कहा कि झारखंड में केजरीवाल मॉडल नहीं चलेगा और करोड रुपए की बरामदगी से आलमगीर आलम के तार सीधे तौर पर जुड़े होने के सबूत ईडी को मिले हैं। ईडी ने अपने रिमांड में भी इसका उल्लेख किया है।

इतना ही नहीं प्रतुल शाहदेव ने कहा कि आलमगीर आलम के बांग्लादेश में लंबे समय से रह रहे अरबपति भाई जहांगीर आलम के भी चल-अचल संपत्ति और कंपनियों की ईडी जांच करें। आलमगीर आलम का 90 के दशक में राजनीतिक उदय और उनके भाई जहांगीर आलम का बांग्लादेश इस दौरान शिफ्ट करना और खाक से शीर्ष तक पहुंचने की जो कहानी है उसकी भी गहन जांच की आवश्यकता है।प्रतुल ने कहा कि जैसे-जैसे आलमगीर आलम का कद बढ़ता गया वैसे ही उनके भाई का वित्तीय साम्राज्य बढ़ता गया। आज वह अरबों रुपयों के मालिक हैं, और राइस, जुट और दवा से जुड़े व्यापार में सम्मिलित हैं।

वहीं इस प्रेस वार्ता में प्रदेश सह मीडिया प्रभारी अशोक बड़ाईक एवं तारिक इमरान भी मौजूद रहे।

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