Ranchi:पब्लिक स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे के नेतृत्व में पासवा ने पर्यावरण जागरूकता अभियान चलाया है; इस अभियान की शुरुआत झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने वृक्षारोपण कर प्रारंभ किया था।

पब्लिक स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के नेतृत्व में झारखंड के निजी विद्यालय 08 जुलाई से दिनांक 13 जुलाई तक झारखंड में पर्यावरण जागरूकता सप्ताह भी मना रही है। वहीं आज पर्यावरण जागरूकता सप्ताह के चौथे दिन झारखंड के प्रत्येक जिले में लाखों स्कूली बच्चों ने पर्यावरण जागरूकता पर पेंटिंग प्रतियोगिता,भाषण प्रतियोगिता, स्लोगन प्रतियोगिता आदि का आयोजन कर छोटे-छोटे बच्चों और उनके अभिभावकों को पर्यावरण जागरूकता का संदेश दिया। बहुत ही उत्साह से झारखंड के स्कूली बच्चे पासवा पर्यावरण जागरूकता सप्ताह में पर्यावरण जागरूकता हेतु विभिन्न प्रतियोगिताओं में सम्मिलित हो रहे हैं। झारखंड के निजी विद्यालयों की प्राचार्य की भूमिका और उनके यहां के शिक्षकों और बच्चों की भूमिका निश्चित रूप से तारीफ के काबिल है।
छोटे-छोटे बच्चों ने जिस तरह से पर्यावरण जागरूकता की कमान संभाली है वह दिन दूर नहीं जब पूरा झारखंड को ये बच्चे पर्यावरण के प्रति जागरूक कर देंगे।


इस अभियान की खास बात यह है कि पासवा के नेतृत्व में अपने बच्चों के माध्यम से झारखंड के निजी विद्यालय न सिर्फ अपने विद्यालय परिसर में बल्कि छोटे बच्चों के माध्यम से उनके अभिभावकों के द्वारा भी लगातार वृक्षारोपण जारी है और वह दिन दूर नहीं जब पासवा के इस अभियान से लाखों वृक्ष इस वर्ष झारखंड में लग रहे हैं और आने वाले दिनों में लगेंगे।


वहीं पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा कि आज पर्यावरण जागरूकता सप्ताह के चौथे दिन जिस तरह झारखंड के निजी विद्यालय पासवा के नेतृत्व में अपना अभियान जारी रखे हुए हैं और जिस उत्साह से बच्चे कहीं पेंटिंग कंपटीशन तो कहीं भाषण प्रतियोगिता तो कहीं सतत वृक्षारोपण और कहीं पर्यावरण जागरूकता पर रैली निकल रहे हैं पब्लिक स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन झारखंड के इन निजी विद्यालयों और छोटे-छोटे बच्चों की इस प्रयास की सराहना करता है। आज राजधानी सहित झारखंड के प्रत्येक जिले में निजी विद्यालयों ने अपने-अपने विद्यालय में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की। निश्चित रूप से संपूर्ण झारखंड में पर्यावरण जागृती का अलख जगा रहे हैं स्कूली बच्चे। और इन स्कूली बच्चों के अभिभावकों के माध्यम से ना सिर्फ झारखंड के विद्यालय बल्कि संपूर्ण झारखंड में पर्यावरण जागरूकता का जो वातावरण इन बच्चों ने बनाया है निश्चित रूप से अतुलनीय है।

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