Ranchi: पब्लिक स्कूल्स एण्ड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे और पासवा के प्रदेश उपाध्यक्ष लाल किशोर नाथ शाहदेव ने आज आरटीई कानून में संशोधन को निरस्त करने एवं पोशाक भत्ता निजी विद्यालयों के गरीब बच्चों को भी उपलब्ध कराने को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की एवम ज्ञापन सौंपा।
प्रोजेक्ट भवन रांची में बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में मुख्यमंत्री से पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे एवं किशोर शाहदेव की मुलाकात हुई। मुख्यमंत्री ने बहुत ही गंभीरता से झारखंड के निजी विद्यालयों की समस्याओं को सुना, आरटीई से संबंधित कठिन शर्तों पर विस्तृत चर्चा की वहीं पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जमीन की बाध्यता के अनुपालन में निजी विद्यालयों को हो रही कठिनाइयों को विस्तार से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समझाया,साथ ही एक नए मुद्दे पर भी पासवा ने अपनी मांग मुख्यमंत्री के समक्ष रखी।
वही मुलाकात के दौरान पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और झारखंड के उपाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री महोदय को सर्वप्रथम नौवीं, दसवीं, 11वीं तथा 12वीं के विद्यार्थियों को पोशाक भत्ता के रूप में₹600 से ₹2000 प्रति बच्चा देने के प्रस्ताव पर मोहर लगाने के लिए तथा भविष्य में स्वेटर और ब्लेजर के लिए अतिरिक्त 2000 कुल ₹4000 प्रति बच्चा देने के प्रस्ताव के लिए तथा शिक्षा के प्रति जागरूकता दिखाने के लिए बधाई दी, साथ ही माननीय मुख्यमंत्री से यह मांग की गई कि सरकारी स्कूलों की तरह निजी स्कूल जिन्हे यू डायस प्राप्त है,उनको भी ड्रेस भत्ता प्रदान किया जाना चाहिए क्योंकि निजी विद्यालयों के भी लाखों गरीब आदिवासी दलित और पिछड़े वर्ग के बच्चे सरकार के द्वारा दिए गए प्रोत्साहन राशि के हकदार हैं और निजी विद्यालयों के लाखों गरीब दलित आदिवासी पिछड़े वर्ग के बच्चे भी झारखंड सरकार के ही बच्चे हैं और उन्हें भी सरकार द्वारा दी गई इस प्रोत्साहन राशि का इंतजार है।
वहीं मुख्यमंत्री ने बहुत ही गंभीरता से पब्लिक स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन पासवा के सभी मांगों को सुना और इस संदर्भ में सकारात्मक पहला का भरोसा दिलाया।
पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे एवं प्रदेश उपाध्यक्ष लाल किशोर नाथ शाहदेव ने निजी विद्यालयों को मान्यता देने हेतु जमीन की बाध्यता समाप्त करने एवं पिछली सरकार द्वारा 2019 में लागू आरटीई कानून निरस्त करने के संदर्भ में एक ज्ञापन भी सौंपा एवम मुख्यमंत्री से इस विषय पर विस्तृत वार्ता भी की।
वहीं मुख्यमंत्री ने पब्लिक स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जाने वाले प्रयासों की सराहना की और कहा कि वर्तमान समय में झारखंड में शिक्षा के क्षेत्र में पब्लिक स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन निश्चित रूप से सशक्त रूप से शिक्षा के विकास के लिए प्रयासरत है।
जमीन की उपलब्धता के विषय पर विशेष रूप से चर्चा हुई और माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने इस बात से सहमति जताई कि वर्तमान स्थिति में जमीन से संबंधित कानून में संशोधन अनिवार्य है।
पब्लिक स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने मुख्यमंत्री को बताया कि संपूर्ण राष्ट्र में निजी विद्यालयों के संचालन के लिए जो आरटीई की कानून है उसे ही झारखंड में लागू करने की आवश्यकता है पिछली सरकार ने आरटीई की कानून में ऐसे संशोधन कर दिए जिनके अनुपालन किसी भी निजी विद्यालय के लिए संभव नहीं है अतः जिस तरह संपूर्ण राष्ट्र में आरटीई के लिए अलग कानून है झारखंड में भी आरटीई के लिए संशोधित कानून कहीं से भी स्वीकार्य नहीं है।
माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने पब्लिक स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दुबे को यह विश्वास दिलाया कि झारखंड सरकार के पास चुनाव के पूर्व समय बहुत कम है फिर भी कोई ना कोई सकारात्मक कदम अवश्य उठाएगी सरकार।