Dhanbad : 43 विधानसभा सीटों के पहले चरण के मतदान के बाद यह स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि इंडिया गठबंधन बहुमत के साथ वापसी कर रहा है, जबकि चार दलों का बेमेल गठबंधन धराशायी होने की कगार पर है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव आलोक कुमार दूबे ने धनबाद पहुंचने के बाद मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कही, उन्होंने कहा धनबाद जिले की सभी छह विधानसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन की विजय निश्चित है। उन्होंने यह भी दावा किया कि धनबाद इस बार एक नया राजनीतिक कीर्तिमान स्थापित करेगा, जो प्रदेश की राजनीति में एक अहम मोड़ साबित होगा।

हम आपको बता दें कि प्रथम चरण के मतदान से उत्साहित इंडिया गठबंधन के नेता दूसरे चरण के मतदान के लिए गठबंधन प्रत्याशियों के प्रचार के लिए निकल गए हैं,उसी कड़ी में प्रदेश कांग्रेस महासचिव आलोक कुमार दूबे अपने सहयोगी संजीत यादव,अभिषेक साहू,कुमुद रंजन,अनिकेत कुमार और विशाल सिंह कल देर शाम धनबाद पहुंच चुके हैं।उन्होंने आज धनबाद विधानसभा प्रत्याशी अजय दूबे के समर्थन में कई क्षेत्रों में भ्रमण कर विजय बनाने का अनुरोध किया।

वहीं प्रदेश कांग्रेस महासचिव आलोक कुमार दूबे ने गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है की चौथी पीढ़ी राहुल बाबा ने भारतीय जनता पार्टी की नाक में नकेल डालकर रख दिया है, भाजपा यह कैसे भूल गई कि यही राहुल बाबा ने विपक्ष को एकजुट करके भाजपा के खिलाफ मजबूत चुनौती पेश की है, देश में बदलाव आ गए हैं झारखंड बदलाव की ओर बढ़ चुका है इसका एहसास अमित शाह को भी है, तभी तो पूरे हिंदुस्तान के भाजपा मुख्यमंत्री अपनी जनता को भगवान भरोसे छोड़कर झारखंड के लोगों के बीच सांप्रदायिकता का जहर फैलाने के लिए पहुंचे हुए हैं। पिछले 75 वर्षों से जम्मू कश्मीर हिंदुस्तान का अभिन्न अंग है और आगे भी रहेगा।संपन्न हुए कश्मीर विधानसभा चुनाव ने यह साबित कर दिया है कि जम्मू कश्मीर की जनता किसके साथ है।

आलोक दूबे यहीं नहीं रूके उन्होंने गृह मंत्री के गैस सिलेंडर वाले बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि,  गॄह मंत्री का यह दावा कि झारखंड में 450 रुपये में सिलिंडर मिलेगा, जब देश के अन्य हिस्सों में यह 1200 रुपये के आस-पास है। यह केवल उनका एक चुनावी वादा है, जो जनता को भ्रमित करने के लिए किया जा रहा है।भाजपा को यह बताना चाहिए कि क्या उनके पास कोई ठोस योजना है या यह सिर्फ एक चुनावी लोकलुभावन वादा है? क्या झारखंड को अन्य राज्यों से अलग करके, किसी तरह के अनुदान या सब्सिडी के जरिए यह संभव होगा, या फिर यह केवल दिखावे की राजनीति है? यह सवाल उठता है कि भाजपा ऐसी योजनाएं कैसे लागू करेगी जब केंद्र में उनकी सरकार के पास कोई ठोस कदम नहीं हैं और महंगाई लगातार बढ़ रही है।

 

वहीं सहारा इंडीया में जनता के डूबे हुए पैसे को लेकर केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा, सहारा में झारखंड में लाखों लोगों तथा देश में करोड़ों लोगों की मेहनत की कमाई डूब गई है,और सरकार चुप है। लोकसभा चुनाव के पहले भी अमित शाह जी ने सहारा निवेशकों का पैसा लौटाने का वादा किया था ,एक बार फिर वह देश को और झारखंड के जनता को गुमराह कर रहे हैं ।सच तो यह है कि सहारा निवेशकों का पैसा अमित शाह लौटना ही नहीं चाहते हैं।कांग्रेस आम जनता की भलाई और सुरक्षा को प्राथमिकता देती है और सहारा निवेशकों का पैसा वापस करने का काम अगर कोई करेगा तो इंडिया गठबंधन करेगी।

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