Ranchi: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव आलोक कुमार दुबे ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री पर की गई टिप्पणी और बर्खास्तगी की मांग को राजनीतिक ढोंग और सस्ती लोकप्रियता की कोशिश बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा का पूरा प्रयास सिर्फ माहौल बिगाड़ना, प्रशासनिक प्रक्रियाओं पर संदेह पैदा करना और जनता का ध्यान वास्तविक मुद्दों से भटकाना है।
आलोक कुमार दुबे ने कहा कि बाबूलाल मरांडी का बयान तथ्यों, संवैधानिक समझ और राजनीतिक मर्यादाओं—तीनों से दूर है।उन्होंने कहा कि SIR प्रक्रिया को लेकर जिस तरह से भाजपा डर फैलाने और भ्रम पैदा करने में लगी है, वह बताता है कि भाजपा खुद अपनी खोई हुई जनाधार और विश्वसनीयता को लेकर बौखलाई हुई है।बाबूलाल मरांडी जिस तरह से बयानों के आधार पर निष्कर्ष निकाल लेते हैं, वह उनके अनुभव से ज्यादा उनकी बेचैनी को दर्शाता है।
झारखण्ड कांग्रेस महासचिव ने कहा कि SIR प्रक्रिया के नाम पर भाजपा बार–बार एक ही कथा दोहराती है, जबकि यह पूरी प्रक्रिया चुनाव आयोग के अधीन, पारदर्शी और विधिसम्मत तरीके से चल रही है। कांग्रेस और झारखंड सरकार चुनाव आयोग के निर्देशों का सम्मान करती है और किसी भी व्यवस्था को मजबूत बनाने के पक्ष में है। लेकिन भाजपा इस प्रक्रिया का राजनीतिक दुरुपयोग कर रही है, ताकि झारखंड में लगातार कमजोर होती अपनी स्थिति को किसी तरह मजबूत दिखा सके।
आलोक दुबे ने भाजपा अध्यक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा, जिन लोगों ने अपने शासन में लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर किया, चुनावी प्रक्रियाओं में दखल दिया, और संवैधानिक पदों का राजनीतिक उपयोग किया, वे आज संविधान के रक्षक बनने का नाटक कर रहे हैं। यह जनता अच्छी तरह समझती है।”
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री और राज्य सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है तथा कानून-व्यवस्था और चुनावी कर्मचारियों की सुरक्षा किसी भी परिस्थिति में खतरे में नहीं आने दी जाएगी। भाजपा का यह आरोप कि सरकार संवैधानिक प्रक्रिया के खिलाफ काम कर रही है, पूरी तरह निराधार है।
आलोक दुबे ने कहा कि बाबूलाल मरांडी की आदत हो गई है कि वे हर मुद्दे पर अतिशयोक्ति, गलत तथ्य, और राजनीतिक नाटक पेश करते हैं।उन्होंने कहा की अगर विपक्ष जिम्मेदारी के साथ constructive सुझाव दे, तो राज्य के लिए बेहतर होगा। लेकिन भाजपा सिर्फ आरोप–प्रत्यारोप की राजनीति में उलझकर जनता का समय खराब कर रही है।”
अंत में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्य सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं की गरिमा और संवैधानिक प्रक्रियाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। भाजपा की मांग राजनीतिक है, आधारहीन है, और जनता के बीच अस्थिरता फैलाने की कोशिश है, जिसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
