Ranchi: भारत के संविधान निर्माता ” भारत रत्न ” बाबा साहब डॉ भीम राव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर 10 सूत्री मांगों को लेकर झारखण्ड राज्य दफादार चौकीदार पंचायत द्वारा नागा बाबा खटाल , जाकिर हुसैन पार्क के सामने राँची में विशाल रैली प्रदर्शन किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण दयाल सिंह ने की और इसका संचालन गोड्डा जिला सचिव तौहीद आलम ने किया । भारत रत्न बाबा साहब डॉ भीम राव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर उनके तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई और उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए चौकीदार दफादारों का रैली प्रदर्शन शुरू किया गया ।

जिन मांगों को लेकर रैली प्रदर्शन किया गया उनमें तत्काल में माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय , रांची द्वारा झारखंड चौकीदार संवर्ग नियमावली 2015 में उल्लेखित प्रावधानों और चौकीदारों की नियुक्ति के संबंध में पारित आदेश के कारण झारखंड में चौकीदारी व्यवस्था समाप्त होने से जनहित और राज्यहित में बचाना , झारखण्ड चौकीदार संवर्ग नियमावली 2015 में संशोधन करके सेवा विमुक्त चौकीदारों को पुनः सेवा में योगदान कराने और 01 जनवरी , 1990 के पूर्व और बाद में सेवा निवृत चौकीदार और दफादारों के आश्रितों की नियुक्ति, पूर्व नियुक्ति प्रक्रिया के अनुसार करने का प्रावधान निर्धारित करना , सेवा विमुक्त और एवजी चौकीदारों को न्याय दिलाने हेतु तत्काल अध्यादेश जारी करना या झारखंड ग्राम चौकीदार ( संशोधन) विधेयक 2025 पारित कराना , हर माह के प्रथम सप्ताह में वेतन करने की व्यवस्था करना, सभी बकाया जोड़कर वर्दी भत्ता का भुगतान करना , योग्यता के आधार पर पदोन्नति करना , पुलिस की तरह ही चौकीदार दफादारों को भी 13 माह का वेतन देना, यात्रा और ठहराव भत्ता भुगतान करने और प्रोत्साहन राशि पुरस्कार देने हेतु आबंटन आबंटित करना प्रमुख है ।

वहीं रैली की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण दयाल सिंह ने झारखंड के मुख्यमंत्री  हेमंत सोरेन से मांग करते हुए कहा कि, जनहित और राज्यहित में भारत की सबसे पुरानी प्रशासनिक व्यवस्था चौकीदारी व्यवस्था बचाने हेतु झारखण्ड में चौकीदारों की नियुक्ति प्रक्रिया और उनके तबादला करने के संबंध में झारखण्ड उच्च न्यायालय रांची द्वारा पारित आदेश को शिथिल करने हेतु तत्काल अध्यादेश जारी करें । बीट से बाहर के अभ्यर्थी को चौकीदार पद पर नियुक्ति करना और इनका तबादला बीट से बाहर करना चौकीदारी मैनुअल और झारखंड चौकीदार संवर्ग नियमावली _ 2015 में उल्लेखित प्रावधानों के खिलाफ तो है ही यह जनहित और राज्यहित के भी खिलाफ है।

सेवा विमुक्त चौकीदारों को पुनः सेवा में योगदान कराने और 01जनवरी , 1990 के पूर्व और बाद में सेवा निवृत चौकीदार दफादार दिग्वार घटवार और सरदारों के आश्रितों की नियुक्ति पूर्व नियुक्ति प्रक्रिया के अनुसार करने हेतु भी भारतीय संविधान के अनुच्छेद _ 16( 4) की भावना के आलोक में तत्काल अध्यादेश जारी किया जाए या झारखंड ग्राम चौकीदार ( संशोधन) विधेयक _ 2025 पारित किया जाए।

 

प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण दयाल सिंह ने कहा कि झारखण्ड चौकीदार संवर्ग नियमावली 2015 की कंडिका 2( 9) में प्रावधान है कि ” बीट” से अभिप्रेत है एक चौकीदार का कार्यक्षेत्र जिसमें 100 से120 आवासीय घरों का समूह होगा । कंडिका 4 में प्रावधान है कि नियुक्ति एवं प्रोन्नति हेतु राज्य सरकार द्वारा समय समय पर निर्धारित जिला स्तरीय आरक्षण लागू होगा और कंडिका 5 ( 5) में प्रावधान है कि अभ्यर्थी को संबंधित बीट का स्थायी निवासी होना अनिवार्य होगा ।

कृष्ण दयाल सिंह ने बताया कि झारखंड चौकीदार संवर्ग नियमावली 2015 में उल्लेखित उक्त प्रावधानों का अनुपालन जिलों में चौकीदार पद पर नियुक्ति में नहीं हुआ है । चौकीदारों के रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु निकाला गया विज्ञापन से पहले या बाद में100 से 120 आवासीय घरों पर किसी जिला में बीट सृजित नहीं किया गया है। सफल अभ्यर्थियों को जिस बीट में चौकीदार के पद पर नियुक्त किया गया है अपवाद को छोड़कर उस बीट के स्थायी निवासी नहीं हैं । एक बीट में एक ही चौकीदार नियुक्त होंगे , लेकिन एक बीट में 01 से ज्यादा 3-4 चौकीदारों को नियुक्त किया गया है। एक बीट ( पुराना) के अलावे नया बीट किसी जिला में नहीं बना है और ना ही एक बीट से ज्यादा पद और बल झारखंड कैबिनेट से स्वीकृत है तो एक बीट में एक से ज्यादा 3 – 4 चौकीदारों को कैसे नियुक्त कर दिया गया है ?

 

उन्होंने कहा की बीट के बाहर से चौकीदार के पद पर नियुक्ति करने से भारत की सबसे पुरानी प्रशासनिक व्यवस्था चौकीदारी व्यवस्था झारखंड से समाप्त हो जाएगी और इसका सीधा बूरा असर जनहित और राज्यहित पर पड़ेगा । उक्त उल्लेखित तथ्यों से स्पष्ट है कि किसी जिला में चौकीदारों की नियुक्ति में झारखण्ड चौकीदार संवर्ग नियमावली 2015 में उल्लेखित प्रावधानों का अनुपालन नहीं हुआ है । किसी किसी जिला में चौकीदारों की नियुक्ति में अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग का आरक्षण शून्य कर दिया गया है जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16( 4 ) का खुलम खुला उल्लंघन है ।

रैली प्रदर्शन को संबोधित करने वालों में मुख्य रूप से सर्वश्री एतवा उरांव , मिथलेश यादव , बाबूलाल दास ,उदित पासवान, उमेश पासवान , सरयू यादव ,तौहीद आलम , शिबू पहाड़िया, राम किशुन गोप ,रामदेव प्रसाद , मुनिलाल पासवान , किशोर कुमार महली , सीता उरांव, भैयाराम तुरी, नारायण भोगता ,,जय प्रकाश यादव, रहमान अंसारी, नीजेन कुमार भोगता , मानिक राय परमेश्वर पासवान , धनराज प्रसाद यादव , जगदीश भगत बबलू।लोहारआदि शामिल थे ।

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