New Delhi: भाजपा प्रदेश महामंत्री एवम सांसद डॉ प्रदीप वर्मा ने आज राज्य सभा में चुनाव सुधार पर चल रही चर्चा में भाग लिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों की सुरक्षा ,उनके सुदृढ़ीकरण के लिए संकल्पित है और पिछले 11 वर्षों से इस दिशा में लगातार कार्य कर रही है। चुनाव सुधार की प्रक्रिया लोकतंत्र की जड़ को मजबूत करती है। यह मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया ठीक उसी प्रकार है जैसे हम घरों में पुराने फर्नीचर,पर्दों को बदलते हैं।

राज्य सभा सांसद ने कहा कि भारत में 2002 और 2004 के बाद गहन मतदाता पुनरीक्षण की प्रक्रिया नहीं हुई । इसलिए यह आवश्यक था कि अनापेक्षित नामों को हटाया जाए और जरूरी नामों को जोड़ा जाए। पिछले दिनों बिहार ने इतिहास रच दिया। बिहार में जहां 65 लाख लोग सूची से हटाए गए वहीं 21 लाख नए मतदाता जुड़े। नतीजा सामने है ।चुनाव के बाद किसी दल ने एक बूथ पर भी पुनर्मतदान की मांग नहीं की। 1951 के बाद सर्वाधिक 67% मतदान का रिकॉर्ड बना।

 

उन्होंने कहा कि अभी 12 राज्यों में 51 करोड़ मतदाताओं के बीच पुनरीक्षण की प्रक्रिया चल रही है। जिसका एक मात्र मकसद डुप्लीकेट मतदाता,को हटाना और शुद्ध मतदाता को जोड़ना है।

 

डॉ प्रदीप वर्मा ने कहा विभाजन के बाद 1971 से करोड़ो शरणार्थी भारत में आए, साथ ही घुसपैठ भी बड़े पैमाने पर हुए।एक आंकड़े के अनुसार भारत में लगभग 2 करोड़ लोग अवैध रह रहे हैं। जो देश की आंतरिक सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं। साथ ही जनसंख्या संतुलन भी बिगड़ रहा है।

 

वहीं उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 326 स्पष्ट कहता है कि मतदान का अधिकार सिर्फ भारत के नागरिक का है।1985 में सुप्रीम कोर्ट ने भी एसआईआर का समर्थन किया था। बिहार मामले में भी न्यायालय ने मतदाता पुनरीक्षण को सही माना।चुनाव सुधार की दृष्टि से एक राष्ट्र एक चुनाव और राजनीति के अपराधीकरण को भी रोकने की दिशा में मोदी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। हर वर्ष अलग अलग राज्यों में होने वाले चुनावों से देश का जीडीपी प्रभावित होता है,पैसे की बर्बादी होती है, शिक्षकों को चुनाव कार्य में लगाने से शिक्षा व्यवस्था प्रभावित होती है। जबकि एक साथ चुनाव होने से देश के जीडीपी में साढ़े चार लाख करोड़ रुपए का योगदान बढ़ेगा।

 

डॉ प्रदीप वर्मा ने कहा कि मोदी सरकार राजनीति के अपराधीकरण को रोकने के लिए भी संकल्पित है।जिसपर बोहरा समिति ने भी चिंता व्यक्त की थी। मोदी सरकार ने कानून बनाकर 30 दिनों के भीतर गंभीर आरोप में गिरफ्तारी के बाद जन प्रतिनिधियों को इस्तीफा देने का प्रावधान किया है। जो भी लोकतंत्र से प्यार करता है वह चुनाव सुधार प्रक्रिया का समर्थन करता है। अब तो इंडी गठबंधन के लोग भी चुनाव सुधार का समर्थन कर रहे। अब ईवीएम से जिन्न निकलना बंद हो गया है। चुनाव परिणाम शीघ्र और पारदर्शी है।

वहीं चर्चा के दौरान मतदाता सूची में मोबाइल नंबर जोड़ने का भी राज्य सभा सांसद ने सुझाव दिया। जो मतदान प्रतिशत बढ़ाने में काफी सहायक होगा।

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