Ranchi: दिल्ली के कोचिंग संस्थान में हुये घटना के बाद दिल्ली से लेकर पटना तक कोचिंग संस्थानों की जांच की जा रही है कि वह तय मानकों पर चलायी जा रही है कि नहीं. वहीं झारखंड में चल रहे कोचिंग संस्थानों के हाल और उनके जांच के सवाल पर पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक दूबे ने कहा, वर्तमान समय मे कोचिंग संस्थान बच्चों के भविष्य बनाते नहीं है बल्कि बर्बाद कर रहे हैं. कोचिंग संस्थानों ने शिक्षा जगत को धंधा बना लिया है. झारखंड में इन लोगों के द्वारा एक ऐसा माहौल बनाया जा रहा है अभिभावकों के ऊपर की आप उनके बगैर अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर ,आईएएस ,आईपीएस नहीं बना सकते हैं. रेलवे ,बैंकिंग का एग्जाम भी इनके बिना आपके बच्चे नहीं निकाल सकते, यहां तक की चपरासी की भी नौकरी उनके बिना आपके बच्चों को नहीं मिल सकती.

पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष यही नहीं रुके उन्होंने कहा, कोचिंग संस्थानों द्वारा अभिभावकों और बच्चों को सपना दिखाया जाता है कि हमारे संस्थान में पढ़ने के बाद ही आपके बच्चे कुछ कर सकते हैं. सबसे बड़ा आश्चर्य तो यह है की कोचिंग संस्थान 9 वीं से ही बच्चों को अपने गिरफ्त में ले रहे हैं. माता-पिता बड़े ही उम्मीद और आशाओं के साथ अपने बच्चों को कोचिंग संस्थान में एडमिशन करवाते हैं कि मेरा बच्चा बड़ा होकर डॉक्टर, इंजीनियर बनेगा, लेकिन इन संस्थाओं ने यहां से लेकर कोटा तक और कोटा से लेकर पूरे दक्षिण भारत में एजेंट फैला रखे हैं. कोचिंग संस्थानों की वजह से स्कूलिंग नहीं कर रहे हैं वर्तमान समय में बच्चे. वहीं जो बच्चे इन संस्थानों में पढ़ते हैं और उन्हें लगता है कि यहां पर पढ़ाई अच्छी नहीं हो पा रही है, तो जब वह अपने पैसे वापस लेने जाते हैं तो इनका सामना बाउंसरों से होता है. आलम यह है कि कोचिंग संस्थान होटल, बार और रेस्टोरेंट की तरह अब बाउंसर भी रखने लगे हैं. अगर कुछ भी इनके खिलाफ आपने किया तो वह धमकी भी देते हैं.

पासवा अध्यक्ष ने कोचिंग संस्थानों पर कार्रवाई के सवाल पर कहा कि हमने इस संबंध में झारखंड के मुख्यमंत्री से भी बात की है जिला प्रशासन ने भी इस पर कार्रवाई करना शुरू कर दिया है पासवा इस मामले को गंभीरता से लेती है हम अपने बच्चों के भविष्य को बर्बाद होते नहीं देख सकते मैं प्रशासन से निवेदन करता हूं कि इन पर कार्रवाई करें हमारी भी इन पर नजर है अगर लीपापोती हुई तो पासवा ऐसी कोचिंग संस्थानों पर सीधी कार्रवाई करेगी हमें मालूम है कि कौन से कोचिंग संस्थान बाहर से आकर झारखंड के गरीब बच्चे और अकिलियतों का भयादोहन कर रहे हैं. जरूरत पड़ी तो पासवा उन संस्थाओं की लिस्ट भी जारी करेगा.

वहीं पासवा के प्रदेश उपाध्यक्ष लाल किशोर नाथ शाहदेव ने  कोचिंग संस्थानों के भ्रामक प्रचारों से बचने की अपील झारखंड की जनता से की, उन्होंने कहा कि आप अपने बच्चों को स्कूल भेजें, वहां भी अच्छी पढ़ाई होती है, वहां भी अच्छे शिक्षक होते हैं, बच्चे में मेहनत करने की लगन है तो स्कूल में पढ़कर भी वह डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, आईएएस और आईपीएस बन सकते हैं. ऐसा नहीं है की कोचिंग संस्थान में पढ़कर ही बचा वकील बने ,बच्चों की मेहनत ही बच्चों का भविष्य तय करते हैं. अगर वह स्कूल में अच्छे से पढ़ता है, रिवीजन करता है तो वह भी डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस और आईपीएस बन सकता है.  कोचिंग संस्थान में कोई जादू की छड़ी नहीं होती कि वहां जाते ही बच्चे डॉक्टर बन जाए. कोचिंग संस्थानो का आलम तो यह है कि अधिकतर कोचिंग संस्थान टॉपर बच्चों की फोटो भी लगाकर रखते हैं भले ही वह बच्चा उनके संस्थान का नाम भी नहीं जानता हो

 

वहीं पासवा के प्रदेश महासचिव डॉ राजेश गुप्ता ने कहा, की भ्रामक प्रचार करने वाले कोचिंग संस्थानों से अभिभावकों और बच्चों को बचने की आवश्यकता है . अभिभावक खुद सोचें और खुद जांच वैसे कोचिंग संस्थानों को जहां पर उनके बच्चे पढ़ने जाते हैं.  क्योंकि झारखंड में कुछ घटनाएं ऐसी भी हुई है जिसमें कोचिंग संस्थानों के दबाव में आकर बच्चों ने अपनी जीवन लीला तक समाप्त कर ली है. मैं तो कहूंगा झारखंड के मुख्यमंत्री,  उपायुक्त और शिक्षा विभाग,  भ्रामक प्रचार करने वाले कोचिंग संस्थानों पर जल्द से जल्द संज्ञान लेकर कार्रवाई करें.

 

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