Ranchi: झारखण्ड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद कि अध्यक्षता में गौ सेवा आयोग कि एक महत्वपूर्ण बैठक आज रांची में कि गयी। इस बैठक में झारखण्ड के निबंधित गौशालाओं को समृद्ध बनाने के दृष्टिकोण से उनके लंबित आधारभूत सरंचना मद और पोषित गौमाताओं के भरण-पोषण हेतु मद के अन्तर्गत कुल एक करोड पचीस लाख पचहत्तर हजार रूपए का चेक राज्य की गौशालाओं को वितरित किया गया। झारखण्ड गो सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने बैठक में मौजूद गौशालाओं के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि उनका यह अनवरत् प्रयास है कि झारखण्ड राज्य की गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए। गौशालाएं अगर आत्मनिर्भर बनेगी तो ही गौ माता की सुरक्षा हो पायेगी। आयोग के अध्यक्ष ने साफ तौर पर कहा की गौ माता की सुरक्षा और गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गौ सेवा आयोग कृतसंकल्प है। हमारा प्रयास इस दिशा में लगातार जारी है।
हालांकि आज की बैठक में गौशालाओं को आधारभूत संरचना मद में कुल राशि 43,40,079 रूपए के चेक ( सदगुरू सदाफल देव आदर्श गौशाला, लातेहार की राशि कुल रूपए 20,78,286/- , तथा कलकता पिंजरापोल हजारीबाग को कुल रूपए 22,61,793/- का चेक ) का वितरण किया गया। जिससे गौशालाओं को सरकारी मदद देकर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक प्रयास किया जा सके। सभी गौशालाओं के प्रतिनिधियों से यह अनुरोध भी किया गया कि गौशालाओं को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में यदि कोई युक्तिसंगत प्रस्ताव हो यथा हाई मास्ट लाइट, गोबर गैस इकाई, गोबर एवं गोमूत्र आधारित उद्यम, देशी गोमाताओं के संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु, गो अभ्यारण्य इत्यादि तो झारखण्ड गो सेवा आयोग को उपलब्ध कराया जाए जिससे उसकी तकनीकी एवं वित्तीय मूल्याकंण सह समीक्षोपरान्त अनुदान की राशि दी जा सके।
इसी प्रकार देशी गो पशुओं की तस्करी के क्रम में प्रशासन द्वारा जब्त गोमाताओं के भरण-पोषण हेतु प्रावधानित राशि के अन्तर्गत कुल चार गोशालाओं को कुल रूपए 82,35,500/- (पारंपरिक गो विज्ञान अनुसंधान केंद्र, पलामू को 5,84,000 रूपए, बैद्यनाथ धाम गौशाला, देवघर को 16,97,250 रूपए, कोडरमा गौशाला को 24,27,250 रूपए तथा कलकता पिंजरापोल हजारीबाग को 35,27,000 रूपए का चेक) राशि का वितरण चेक के माध्यम से किया गया।
वहीं अनुदान सह चेक वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आयोग के उपाध्यक्ष राजू गिरी ने कहा कि पूर्व की सरकार के नेक इरादों की बदौलत आज झारखण्ड तरक्की की राह पर अग्रसर है। पिछले एक दशक में पूर्व की सरकार ने झारखण्ड की गौशालाओं की जो अनदेखी की है उसे वर्तमान की सरकार पूरा कर रही है जिसका परिणाम है कि विगत एक वर्ष में तीन करोड़ से भी अधिक की मदद कर गौशालाओं को सशक्त बनाया गया है।
इस दौरान उपाध्यक्ष सभी उपस्थित गौशालाओं के प्रतिनिधियों से गौमाता के सरंक्षण एवं संवर्द्धन हेतु उचित प्रस्ताव एवं कदम उठाने की भी अपील की। आयोग के निबंधक डा० मुकेश मिश्रा ने गौशालाओं को तकनीकी रूप से समेकित प्रस्ताव भेजने का अनुरोध किया।
कार्यक्रम में पशुचिकित्सा पदाधिकारी डा० जय कुमार तिवारी एवं आयोग के अन्य कर्मी तथा भारी संख्या में निबंधित गौशालाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।