Ranchi : कांग्रेस के पूर्व विधायक उमाशंकर अकेला फिर एक बार कांग्रेस का हाथ थाम लिए हैं. वहीं उनके दोबारा कांग्रेस में आने पर झारखंड बीजेपी के प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने कहा कि कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश को स्पष्ट करना चाहिए कि उमाशंकर अकेला को वापस लेने में क्या डील हुई है? प्रतुल ने कहा कि जब उमाशंकर अकेला का कांग्रेस ने बरही विधानसभा से पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट काटा था तो उमाशंकर अकेला ने इन बड़े नेताओं पर सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया था।अकेला ने 25 अक्टूबर , 2024 को बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि कांग्रेस के प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष को ₹2 करोड रुपए घूस नहीं देने के कारण उनका टिकट काटा गया। उस समय कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी ने कहा था कि उमाशंकर अकेला पर लीगल एक्शन होगा। प्रतुल ने कहा लीगल एक्शन की बात तो छोड़िए अब उनकी ससम्मान वापसी हो गई।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यह बड़े आश्चर्य की बात है कि उमाशंकर अकेला को पूरे सम्मान के साथ कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष की उपस्थिति में पार्टी ने वापस शामिल कर लिया।ये वापसी कई प्रश्नों को जन्म देता है। पहले तो यह की उमाशंकर अकेला के दो करोड़ घूस के आरोप पर कांग्रेस ने कोई कानूनी कार्रवाई नहीं कर इस आरोप को पुख्ता करने का काम किया था ।अब तो अकेला की सम्मान से घर वापसी ने घूस के आरोप पर मोहर लगाने का काम किया है।
प्रतुल ने कहा कि कभी महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलने वाली कांग्रेस पार्टी, सोनिया- राहुल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार जैसी चीजों को बड़ा मुद्दा नहीं मानती।