Ranchi: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री और सांसद डॉ राधामोहन अग्रवाल के बयान पलटवार करते हुए कहा कि जीएसटी के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की कीमत को कम करने की जगह लोगों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से गब्बर सिंह टैक्स में एकरूपता लाने की बात कहती रही है।

वहीं कौंसिल की बैठक में इस स्लैब के कारण सभी राज्यों ने अपने लिए क्षतिपूर्ति की मांग की है। झारखंड के वित्तमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने भी 2000 करोड़ रुपये की क्षति का अनुमान किया है, जिसे बीजेपी के महामंत्री ने नकारने का काम किया है। झारखंड एक वेलफेयर स्टेट है, इसे सहयोग की आवश्यकता है।

मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि नेशनल न्यूज ब्रांड कास्टिंग एसोसिएशन ने, लिख कर वित्त मंत्री से मुलाकात कर मांग की थी की कार हायरिंग और उनके स्टाफ कैमरा में न्यूज रिपोर्टर पर जो खर्च आयेगा उसे आईटीसी यानी इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा दी जाय। दूसरी मांग थी कि उनके एंड स्पेस पर जो जीएसटी लगता है उसका समय टाइम चेंज कर दिया जाय । अभी बिल बनने के साथ टैक्स की लायबिलिटी बन जाती है, परंतु पेमेंट आने में १२० से १८०दिन तक लग जाते हैं, जिससे उनकी पूंजी ब्लाक हो जाती है । इसलिए पेमेंट के टाइम पर जीएसटी लगे तो आसान होगा, पर यह बात मानी नही गयी ।

लाल किशोर नाथ शाहदेव ने नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म पर अपनी राय रखी है। उन्होंने कहा कि जीएसटी में सुधार का मतलब सिर्फ टैक्स की दरें कम करना नहीं है, बल्कि पूरे जीएसटी फ्रेमवर्क को ठीक करने की जरूरत है। शाहदेव ने कहा कि मौजूदा जीएसटी में कई मुश्किलें हैं, जिन्हें ठीक करना जरूरी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केवल सुर्खियों के लिए कीमतें घटाने की बात कही गई, लेकिन उल्टे कर ढांचे को ठीक करने पर कोई बयान नहीं दिया गया। उन्होंने समझाया कि जब तक तैयार माल पर टैक्स की दर और उसमें इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल पर लगने वाले टैक्स में समानता नहीं होगी, तब तक कोई भी सुधार सफल नहीं हो पाएगा।

कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि इस उल्टे कर ढांचे के कारण व्यवसाय, उद्योग और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) को ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ यानी व्यापार करने में आसानी नहीं होगी। उन्होंने इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने की बात कही, ताकि सभी को समान रूप से फायदा मिल सके।

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