Ranchi:भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने आज राज्य में हुए डी एम एफ टी फंड घोटाले को उजागर करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर बड़ा निशाना साधा, बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस लूट और घोटाले के सरगना है। उन्होंने डी एम एफ टी फंड को अपना एटीएम कार्ड बना लिया है। और अधिकारियों को निकालने के लिए लगा दिया है।लूट का सारा पैसा उनकी तिजोरी में जमा हो रहा है।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अगर अपने को पाक साफ बताना चाहते हैं तो इस घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा करें।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आज तो वे एक बोकारो जिला में हुई लूट का खुलासा कर रहे लेकिन इस प्रकार की लूट पूरे प्रदेश में हुई है जिसकी जांच आवश्यक है।तभी सारे लूट उजागर होंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का लंबा राजनीतिक सामाजिक जीवन रहा है। उन्होंने खनन क्षेत्र में निवास करने वाले गरीबों,जरूरतमंदों की समस्याओं को बहुत नजदीक से देखा और अनुभव किया है। इसलिए प्रधानमंत्री बनते ही खनिज उत्खनन वाले ज़िलों केलिए डी एम एफ टी फंड की व्यवस्था की जिससे संबंधित जिला में सड़क,बिजली,पानी,स्वास्थ्य,शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके, लेकिन राज्य में प्रधानमंत्री के ऐसे कल्याणकारी सोच को धरातल पर नहीं उतारते हुए पैसों की लूट मची है।
बाबूलाल मराठी यही नहीं रुके उन्होंने आंकड़ों के साथ पत्रकारों को जानकारी देते हुए लूट की कहानी बताई। उन्होंने बोकारो जिला में वित्तीय वर्ष 2024..25 और 25..26 का उल्लेख करते हुए कहा कि इन वित्तीय वर्षों में बोकारो के लिए 631 करोड़ रुपए का डी एम एफ टी फंड मिला । कई कंपनियों के माध्यम से इस फंड की लूट जिला प्रशासन के द्वारा की गई। 46 पंचायतों में जेनरेटर की आपूर्ति, 1666 आंगनबाड़ी केंद्रों में डिजिटल मेट्स की आपूर्ति, स्कूलों में टैब लैब ,शहर में 187 हाई मास्ट लाइट की आपूर्ति,एलईडी वेन की खरीद,, सरकारी भवनों में तड़ित चालक , बाला पेंटिंग, सौर ऊर्जा पंपसेट,स्कूलों में मॉड्यूलर किचेन का निर्माण,स्मार्ट मॉडल स्कूल का उन्नयन ,छात्रों केलिए कोचिंग,कौशल विकास और प्लेसमेंट सभी में करोड़ों रुपए की लूट हुई है।
बार बार निविदा निकालना, बाजार रेट से 10 गुना ज्यादा पर सामग्री की आपूर्ति दिखाते हुए भुगतान करना। ये सारे ऐसे मामले हैं जो बड़े पैमाने पर हुए घोटाले को उजागर करते हैं, उन्होंने कहा कि सभी योजनाओं कार्यों में हजारों करोड़ रुपए की लूट हुई है। जो केवल एक अधिकारी के स्तर से हो यह अविश्वसनीय है।
उन्होंने कहा कि यह घोटाला पूरी तरह से मुख्यमंत्री के इशारे पर ही संभव है,कोई पदाधिकारी इतना बेखौफ नहीं हो सकता।इसलिए इसकी जांच कोई राज्य सरकार की एजेंसी से नहीं बल्कि सीबीआई से कराने की जरूरत है। राज्य सरकार तो इसमें संलिप्त है फिर उसकी जांच से कोई चोर कैसे पकड़ा जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा की सामाजिक संगठन को सूचना मांगने पर भी धमकी दी जा रही है। भाजपा ऐसे लोगों के साथ पूरी तरह खड़ी है जो भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अपने स्तर से लड़ाई लड़ रहे हैं। भाजपा सड़क से सदन तक इस मामले को उजागर करेगी। राज्य सरकार को सीबीआई जांच कराने के लिए बाध्य करेगी।बावजूद इसके अगर राज्य सरकार कदम नहीं उठाती तो केंद्र सरकार इसकी जांच के लिए सक्षम है।
बाबूलाल मरांडी ने डीएमएफटी फंड को लेकर हेमंत सरकार पर जो आरोप लगाए हैं, वह पूरी तरह से निराधार- लाल किशोर नाथ शाहदेव
वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के बयान पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने उन पर जमकर निशाना साधा है।लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि बाबूलाल मरांडी ने डीएमएफटी फंड को लेकर हेमंत सरकार पर जो आरोप लगाए हैं, वह पूरी तरह से निराधार और राजनीति से प्रेरित हैं। यह एक हताशा भरा बयान है, जो दिखाता है कि भाजपा के पास सरकार को घेरने के लिए कोई ठोस मुद्दा नहीं है।
कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि यह समझना ज़रूरी है कि किसी भी फंड का दुरुपयोग रोकना एक जटिल प्रक्रिया है, और सरकार ने इस मामले में पहले ही जांच के आदेश दे दिए हैं। सीबीआई जांच की मांग करना सिर्फ एक राजनीतिक ड्रामा है, क्योंकि जब राज्य सरकार खुद ही मामले की जांच कर रही है, तो सीबीआई की मांग करने का क्या औचित्य है? यह बस मुख्यमंत्री की छवि को खराब करने की एक सोची-समझी साजिश है।
कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि हेमंत सरकार डीएमएफटी फंड के सही इस्तेमाल के लिए प्रतिबद्ध है और खनन प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढाँचे के विकास पर लगातार काम कर रही है। जिन परियोजनाओं का उल्लेख बाबूलाल मरांडी ने किया है, वे सभी जनता के हित में हैं, और उनकी जांच चल रही है। किसी भी अधिकारी पर आरोप लगाने से पहले, पूरी जांच होने देना ही सही तरीका है। इस तरह के बेबुनियाद आरोपों से सिर्फ विकास कार्यों में बाधा आती है।