Ranchi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर भाजपा द्वारा पूरे देश में मनाए जा रहे “सेवा पखवाड़ा” को लेकर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव आलोक कुमार दूबे ने कटाक्ष करते हुए कहा है सेवा नहीं ढ़ोंग,पाखंड और सेल पखवाड़ा है।उन्होंने कहा कि सेवा पखवाड़ा के नाम पर जनता को गुमराह किया जा रहा है, जबकि जमीनी सच्चाई यह है कि यह कोई सेवा अभियान नहीं बल्कि ‘सेल पखवाड़ा’ है, जिसमें गरीबों की जमीन, जंगल और संसाधन कारपोरेट मित्रों के हाथों में सौंपे जा रहे हैं। आलोक दूबे ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार गरीबों, किसानों और आदिवासियों की जमीन छीनकर उसे एक रुपये में कारपोरेट को लीज पर दे रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मां के नाम पर जमीन लेकर उसे अडानी समूह को सौंप दिया गया और अब उसी जमीन पर 10,000 पेड़ों की बलि दी जाएगी। “क्या अब हर कटे हुए पेड़ पर भी ‘अडानी’ का नाम लिखा जाएगा?” उन्होंने व्यंग्य करते हुए सवाल किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बार-बार सेवा और जनहित की बातें करती है, लेकिन असल में उनके फैसले युवाओं, किसानों और आम जनता के खिलाफ साबित हो रहे हैं।

युवाओं का भविष्य अंधकार में

आलोक दूबे ने कहा कि भाजपा सरकार युवाओं को रोजगार देने के बजाय उनके भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। निवेश और उद्योग लगाने के नाम पर बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन असल में स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं मिलता, बल्कि उन्हें विस्थापन और बेकारी का सामना करना पड़ता है।पूरे देश में युवा आक्रोशित हैं और हक मांगने पर लाठियां बरसाई जा रही हैं।

महिलाओं की सुरक्षा पर हमला

उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन हकीकत यह है कि भाजपा शासित प्रदेशों में महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं। योजनाओं और प्रचार में करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन धरातल पर महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।

महंगाई और जनता की मुश्किलें

महंगाई लगातार आसमान छू रही है। रसोई गैस से लेकर रोजमर्रा की जरूरी चीज़ें आम जनता की पहुंच से बाहर हो रही हैं। आलोक दूबे ने कहा कि सेवा पखवाड़ा के नाम पर भाजपा प्रचार तो खूब कर रही है, लेकिन महंगाई से राहत देने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे। “सेवा का मतलब जनता की जिंदगी आसान बनाना है, न कि केवल पोस्टर-बैनर और इवेंट से तस्वीर चमकाना,” ।

पर्यावरण और किसानों का नुकसान

आलोक दुबे ने कहा कि भाजपा सरकार विकास के नाम पर पर्यावरण की बलि चढ़ा रही है। एक झटके में 10,000 पेड़ काट दिए जाएंगे और लाखों लोगों के जीवन पर असर पड़ेगा। किसान अपनी जमीन और जंगल से जुड़े रहते हैं, लेकिन उनकी मेहनत और पीढ़ियों की कमाई को मिटाकर कारपोरेट को सौंप दिया जाता है। यह सेवा नहीं, सीधा शोषण है।

भाजपा की नीति – जनता का शोषण, मित्रों का पोषण

आलोक दुबे ने आरोप लगाया कि भाजपा की नीतियां जनता के हित में नहीं बल्कि सिर्फ अपने चुनिंदा कारपोरेट मित्रों के हित में बनाई जा रही हैं। सरकारी बैंक, सरकारी जमीन और सरकारी योजनाओं का इस्तेमाल जनता के लिए नहीं बल्कि उद्योगपतियों की जेब भरने के लिए किया जा रहा है।

सेवा पखवाड़ा’ या ‘सेवानिवृत्ति पखवाड़ा’

भाजपा पर तीखा व्यंग्य करते हुए आलोक दूबे ने कहा – “कहीं यह सेवा पखवाड़ा असल में ‘सेवानिवृत्ति पखवाड़ा’ का संकेत तो नहीं? क्योंकि भाजपा के भीतर 75 वर्ष की आयु पूरी होने पर नेताओं की सेवानिवृत्ति का नियम है। यह अभियान शायद उसी की ओर इशारा है।”

जनता का आशीर्वाद नहीं, आक्रोश मिलेगा

आलोक दूबे ने कहा कि भाजपा यह सोच रही है कि सेवा पखवाड़ा जैसे इवेंट से जनता का दिल जीत लेगी, लेकिन हकीकत यह है कि जनता सब देख रही है। उन्हें मालूम है यह मात्र एक इवेंट है और सब नेता अपना चेहरा चमकाने में लगे हुए हैं।गरीब, किसान, मजदूर और आम आदमी जानते हैं कि भाजपा की सरकार केवल पूंजीपतियों की सेवा कर रही है। उन्होंने कहा – “जनता का आशीर्वाद भाजपा को नहीं, बल्कि जनता का आक्रोश ही मिलेगा। सेवा के नाम पर शोषण अब ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकता।”

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