Ranchi/Ghatshila: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने आज घाटशिला विधानसभा क्षेत्र के गुड़ाबांदा के मैदान में बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया।इस सम्मेलन में जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो , पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी , पूर्व विधायक खिजरी राम कुमार पाहन सहित कई सम्मानित पदाधिकारीगण उपस्थित रहे ।
प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि यह उपचुनाव झारखंड को बचाने का चुनाव है। हेमंत सरकार कहने को अबुआ सरकार है लेकिन आज आदिवासी ,मूलवासी सबसे ज्यादा पीड़ित है। राज्य में बिचौलिए,दलाल, माफिया हावी हैं।भ्रष्टाचार चरम पर है। ऐसे में यह चुनाव राज्य को दलालों, बिचौलियों और माफियाओं से बचाने का चुनाव है।
नेता प्रतिपक्ष यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि विकास के काम राज्य में पूरी तरह ठप्प हैं। जनता को अपना घर बनाने केलिए बालू तक नहीं मिल रहा। झारखंड गठन के बाद जब उनके नेतृत्व में सरकार बनी तो जनता केलिए बालू फ्री कर दिया गया था लेकिन जब 2013 में हेमंत सोरेन जब मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने बालू घाटों को दिल्ली,मुंबई,बिहार से दलालों बिचौलियों को बुलाकर बालू घाट लूटने केलिए सौंप दिए। आज जब कोई गरीब जनता नदी के बालू घाट से बालू उठाता है तो पुलिस उन्हें पकड़ती है । उन्होंने कहा कि घाटशिला की जनता उपचुनाव में यह संदेश देगी कि राज्य को अब दलालों बिचौलियों से बचाना है।
वहीं राज्य के डेमोग्राफी को लेकर भी नेता प्रतिपक्ष ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, एक तरफ संसाधनों की लूट हो रही, वही राज्य की डेमोग्राफी भी बदल रही। आज जो जनगणना के आंकड़े है वो कांग्रेस के शासन के हैं।जिसमें साफ साफ दिख रहा कि कैसे आदिवासियों की आबादी जो 1951 में 36% थी घटकर 26% हो गई।सनातनी हिंदू 88% से घटकर 81% हो गए और मुस्लिम आबादी 8.9% से बढ़कर 14.3% हो गई। यह सामान्य वृद्धि नहीं है बल्कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण है जिसे यह सरकार संरक्षण दे रही। भाजपा राज्य की माटी,रोटी और बेटी को बचाने केलिए संकल्पित है।
वहीं इस मौके पर बाबूलाल मरांडी ने पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं से जीत का संकल्प पूरा करने का आह्वान किया।
साथ ही उन्होंने कहा कि चाकुलिया के गांव में जहां मुस्लिम आबादी शून्य थी अब वहां भी मुस्लिम अपना आधार कार्ड बनवा रहे। यह सब एक सुनियोजित षड्यंत्र का परिणाम है।


