Ranchi: राजधानी रांची में आज रांची महानगर छठ पूजा समिति का विधिवत गठन किया गया। समिति में सर्वसम्मति से ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पाण्डेय सिंह और लोहरदगा विधायक एवं पूर्व मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव को समिति का मुख्य संरक्षक चुना गया है। समिति के संयोजक के रूप में लाल किशोर नाथ शाहदेव एवं डॉ राजेश गुप्ता(छोटू), जबकि अध्यक्ष पद पर आलोक कुमार दूबे को मनोनीत किया गया है। वहीं मुख्य सलाहकार की जिम्मेदारी राजीव चटर्जी को सौंपी गई है। समिति में संरक्षक मंडल में अमरेन्द्र सिंह, रोहित उरांव, प्रो. विजय सिंह, सुरेश साहू, आलोक कुमार बंटी, विनय सिंह, सोमनाथ मुण्डा और रमेश उरांव को शामिल किया गया है।

 

इसके अलावा वरिष्ठ सहयोगियों के रूप में दीपक ओझा, अभिलाष साहू, सुभाष सिंह, संजीत यादव, अभिषेक साहू और नवीन सिंह रिन्टू को जिम्मेदारी दी गई है। उपाध्यक्ष पद पर कुमुद रंजन, बबलू बर्मा, विशाल सिंह,अभय सिंह और अनिकेत कुमार का चयन किया गया है। समिति के महासचिव के रूप में गौतम दूबे गोपी, रीतेश सिंह, महेन्द्र प्रसाद, मनोज सिंह और संजय सिंह का नाम शामिल है। वहीं सचिव मंडल में दिलीप पाण्डेय,अश्विनी कुमार, सुदेश यादव, विवेक सिंह, संजय सिंह, दिलीप कुमार, अभिषेक कुमार, दीपक ठाकुर, विजय गुप्ता और जीवन कुमार,हैप्पी तिवारी को शामिल किया गया है।

समिति के गठन के साथ ही आगामी छठ महापर्व की तैयारी प्रारंभ कर दी गई है।वहीं समिति के प्रवक्ता मेहुल दूबे ने कहा कि, इस वर्ष छठ पर्व का आयोजन स्वच्छ, सुरक्षित और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। इसके लिए नगर निगम और जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर व्यापक व्यवस्था की जाएगी ताकि रांचीवासियों के लिए छठ पर्व का आयोजन गरिमामय और सफल बनाया जा सके।

इस मौके पर रांची महानगर छठ पूजा समिति के अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा,छठ का त्योहार ऊर्जा, आस्था और स्वच्छता का प्रतीक है। यह एक ऐसा पर्व है जो न केवल भगवान सूर्य नारायण की उपासना से जुड़ा है बल्कि समाज में स्वच्छता, सामूहिकता और सकारात्मकता का संदेश भी देता है। छठ के अवसर पर रांची समेत पूरे राज्य में तालाबों, नदियों और घाटों की व्यापक सफाई की जाती है ताकि श्रद्धालु सुचारू रूप से पूजा-अर्चना कर सकें।

 

यह पर्व विशेष इसलिए भी है क्योंकि यह एकमात्र ऐसा अवसर है जब श्रद्धालु डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर धन्यवाद ज्ञापित करते हैं और अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर नई ऊर्जा और जीवन की कामना करते हैं। छठ पूजा के माध्यम से प्रकृति, जल और सूर्य के प्रति कृतज्ञता प्रकट की जाती है, जो भारतीय संस्कृति में मानव और प्रकृति के गहरे संबंध का प्रतीक है।

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