Ranchi:शिक्षकों और विद्यार्थियों के हितों की सुरक्षा को लेकर आज ग्रामीन विकास एवं पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की और गैर सरकारी सहायता प्राप्त (अल्पसंख्यक सहित) प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों तथा आलिम-फाजिल डिग्री से संबंधित समस्याओं पर विस्तृत ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में शिक्षकों की लंबित मांगों और महत्वपूर्ण मुद्दों को प्रमुखता से रखा गया। इसमें गैर सरकारी सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के 4240 पदों को पूर्ववत रखते हुए भर्ती प्रक्रिया में संशोधन करने, पूर्णकालिक केंशोलिक कार्यकर्ताओं (फादर, ब्रदर, सिस्टर) की नियुक्ति में पुराने प्रावधान बनाए रखने, तथा सहायक आचार्यों को सरकारी स्कूलों के समान सेवा शर्त और वेतनमान सुनिश्चित करने की मांग की गई। इसके साथ ही विभिन्न जिलों में रिक्त और स्वीकृत पदों पर नियुक्तियों का अनुमोदन जल्द कराने पर भी जोर दिया गया।
ज्ञापन में नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार उत्क्रमित विद्यालयों (कक्षा IX–XII) के संचालन के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने और कक्षा VII–IX तक संचालित विद्यालयों में पद सृजन सुनिश्चित करने की आवश्यकता भी उठाई गई।
साथ ही, आलिम और फाजिल डिग्री की मान्यता, B.Ed और D.El.Ed में उर्दू और बांग्ला लिपि की बहाली, तथा फाजिल प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को माध्यमिक आचार्य परीक्षा में शामिल करने संबंधी मांगों को भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखा गया। ज्ञापन में 2003–2023 तक की आलिम-फाजिल डिग्रियों की वैधानिक मान्यता बरकरार रखने, रांची विश्वविद्यालय से परीक्षा पुनः आयोजित कराने और विद्यार्थियों के अधिकारों की सुरक्षा हेतु शीघ्र एवं न्यायसंगत कार्रवाई की अपेक्षा जताई गई।
मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि, शिक्षक हमारे शिक्षा तंत्र की रीढ़ हैं और उनके अधिकारों और भविष्य की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से इन मांगों पर त्वरित कार्रवाई करने का अनुरोध किया।

