Ranchi: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और प्रशासनिक अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों का कड़ा खंडन किया है। उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी रोज नए-नए मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं। वो प्रशासनिक आवश्यकता को ‘कारनामा’ बताते हैं और अपनी निराधार राजनीति के लिए मुख्यमंत्री को कठघरे में खड़ा करते हैं।

एक आईएफएस अधिकारी के कई पदों पर आसीन होने के आरोप पर पलटवार करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि राज्य में अधिकारियों की कमी के कारण अस्थायी रूप से महत्वपूर्ण पदों का प्रभार किसी योग्य अधिकारी को देना एक सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है। इसका घोटाले या किसी भी तरह के भ्रष्टाचार से तुलना करना बाबूलाल मरांडी की राजनीतिक दुर्भावना को दर्शाता है। क्या वह चाहते हैं कि डीएफओ या सीएफ के पद खाली रहें और वन विभाग का काम ठप पड़ जाए? भाजपा के राज में नियमों की अनदेखी हुई थी, हेमंत सरकार में नहीं।

जेएपी-2 आरक्षी रणजीत राणा को सम्मानित करने की तैयारी पर सवाल उठाए जाने पर लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को सम्मानित करना राज्य सरकार का विशेषाधिकार है और यह उस व्यक्ति की सेवा, चाहे वह किसी भी रूप में हो, को पहचान देना है। बाबूलाल मरांडी ने स्वयं ही माना है कि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है, तो उन्हें ईर्ष्या की राजनीति छोड़कर इसे स्वीकार करना चाहिए। किसी भी आरक्षी को उसके पुराने सहयोगियों या राजनीतिक विरोधियों के आधार पर बदनाम करना अनुचित है। अगर कोई ठोस प्रमाण है तो वह प्रशासन को दें, हवा में बात न करें।

कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि झारखंड में कानून का राज है। अगर किसी पुलिस अधिकारी पर निजी रंजिश या अनैतिक व्यवहार का आरोप है, तो प्रशासनिक जांच के दरवाजे खुले हैं। लेकिन नेता प्रतिपक्ष को हर छोटे-बड़े मामले को राजनीतिक रंग देना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी को प्रशासन पर भरोसा रखना चाहिए और सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभानी चाहिए, न कि सिर्फ राजनीतिक माइलेज के लिए हर बात में कमियां निकालनी चाहिए।

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