Ranchi: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के आज के बेबुनियाद आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव आलोक कुमार दूबे ने कहा कि बाबूलाल जी को यह मूल बात समझनी चाहिए कि अधिकारी कभी भी किसी व्यक्ति का नहीं होता, बल्कि जनता और संस्था का सेवक होता है। किसी भी अधिकारी की नियुक्ति, निलंबन या सेवाकाल से सम्बंधित निर्णय शासन-प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत होते हैं, न कि किसी राजनीतिक दल की इच्छा के अनुसार।
उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी जी जिस अनुराग गुप्ता का नाम लेकर लगातार राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे हैं, वे यह भी बताएं कि भाजपा शासनकाल में वही अनुराग गुप्ता पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के बेहद करीबी थे। तो इसे क्या समझा जाए?क्या उस समय भी अवैध गतिविधियों का संरक्षक भाजपा ही थी?क्या उस समय बाबूलाल जी की आंखें बंद थीं?
आलोक कुमार दूबे ने कहा कि भाजपा सिर्फ राजनीतिक रोटी सेकने के लिए अधिकारियों को निशाना बनाती है, जबकि सच्चाई यह है कि भाजपा के समय में ही कई विवादों, हस्तक्षेपों और राजनीतिक उपयोग के आरोप अनुराग गुप्ता पर लगे थे। आज भाजपा उन्हीं बातों को पलटकर नए तरीके से पेश कर रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा को यह स्पष्ट करना चाहिए कि जब वही अधिकारी उनके शासनकाल में महत्वपूर्ण पदों पर थे और सरकार के बेहद नजदीक माने जाते थे, तब बाबूलाल जी की नैतिकता और ईमानदारी कहां सोई हुई थी?
आलोक कुमार दूबे ने कहा कि हेमन्त सरकार कानून के दायरे में रहकर काम करती है और किसी भी व्यक्ति—चाहे वह अधिकारी हो या आम नागरिक—को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने में विश्वास नहीं रखती। भाजपा को बताना चाहिए कि क्या वे उसी अधिकारी के प्रति अब चयनात्मक आक्रोश दिखाकर जनता को भ्रमित करना चाहते हैं?
झारखण्ड कांग्रेस महासचिव ने साफ तौर पर कहा कि झारखंड की जनता सब जानती है—भाजपा का इतिहास रहा है कि सत्ता में रहते समय चुप रहती है और विपक्ष में आते ही “संरक्षण” और “भ्रष्टाचार” का राग अलापने लगती है। गठबंधन सरकार पारदर्शिता और संवैधानिक दायित्वों के पालन के प्रति प्रतिबद्ध है।
