Ranchi: नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखण्ड सरकार के सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम पर सोशल मिडिया एक्स के जरिये निशाना साधते हुये झारखंड की जनता से अपील की है। उन्होंने जनता से अपील करते हुये लिखा की, मेरे सभी भाई-बहनों और युवा साथियों से एक अपील है,कभी-कभी जागने वाली इस सरकार की तरह ही एक साल बाद फिर “सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम लौट रहा है। दिखावे और फोटो खिंचवाने के लिए वे एकबार फिर आपकी समस्याएँ सुनने का नाटक करेंगे, आपकी फाइलें लेंगे, कागज़ों पर टिक करके वापस अपने आलीशान बंगलों – महलों और कार्यालयों में लौट जाएंगे। लेकिन इस बार आप लोग सिर्फ़ समस्या का निस्तारण कराने मत जाना, इस बार सवाल भी पूछना।
सवाल… जो आपके बच्चों के भविष्य से जुड़े हैं।
सवाल… जो आपकी बुनियादी सुविधाओं से जुड़े हैं।
सवाल… जो आपके हक़, आपके अधिकार और आपके सपनों से जुड़े हैं।
तो कल जब सरकार आपके द्वार आए तो उनका स्वागत सवालों से करना और पूछना कि मईया सम्मान की राशि सभी माताओं बहनों तक क्यों नहीं पहुँच रही? राज्य में क्राइम हर दिन क्यों बढ़ रहा है? जंगलराज वापस क्यों लौट रहा है?
अलग अलग विभागों में लाखों सीट खाली के बाद भी एक भी भर्ती परीक्षा क्यों नहीं कराई जा रही?नौकरी का सपना देखने वाले युवाओं को सालों-साल इंतज़ार क्यों कराया जा रहा है?बालू, कोयला, पत्थर की लूट पर रोक लगाने में सरकार नाकाम क्यों है?
स्कूलों में शिक्षक कम और भवन जर्जर क्यों पड़े हैं? गाँव की सड़कें आज भी टूटी, धँसी और अधूरी क्यों हैं?किसानों को समय पर बीज–खाद–मुआवज़ा क्यों नहीं मिलता?पेंशनधारियों को हर महीने भीख की तरह चक्कर क्यों लगाने पड़ते हैं?गरीब को घर देने की योजना कागज़ों में तेज़ और ज़मीन पर धीमी क्यों है?युवाओं के लिए उद्योग, रोजगार, स्टार्ट-अप सपोर्ट कहाँ है?जनजातीय इलाकों में पीने का साफ़ पानी और स्वास्थ्य सेवा आज भी सपना क्यों है?आदिवासी समाज की जल जंगल जमीन को लूटकर बांग्लादेशी घुसपैठियों को क्यों बसाया जा रहा है?पिछले 6 सालों से युवाओं को झूठ बोलकर क्यों ठगा जा रहा है?पिछले कार्यकाल में किए गए वादे – 5 साल में 25 लाख नौकरी का क्या हुआ?प्रत्येक वर्ष JPSC और JSSC की परीक्षा के आयोजन का क्या हुआ?
इतना ही नहीं बाबूलाल मरांडी ने लिखा, गरीब महिलाओं को प्रतिमाह चूल्हा खर्च के रूप में 2000 रुपए देने के वादे का क्या हुआ?हर घर से एक सदस्य को नौकरी, जब तक नौकरी नहीं तब तक एक सदस्य को बेरोजगारी भत्ता जैसे अनेकों वादों का क्या हुआ?
ऐसी क्या कमी है कि राज्य के किसी भी मंत्री को अपने मामूली से मामूली इलाज कराने के लिये राज्य से बाहर जाना पड़ता है? वह भी मेडिकल एंबुलेंस से। अगर राज्य में इलाज की व्यवस्था नहीं है तो कितने आम आदमी को बाहर इलाज के लिये ले जाने वास्ते सरकार मेडिकल एंबुलेंस देती है? अगर नहीं तो सिर्फ़ मंत्री को ही क्यों? आम आदमी को क्यों नहीं?भाइयों-बहनों…यह राज्य आपका है, आपकी मेहनत से चलता है।सत्ता में बैठा हर व्यक्ति आपका सेवक है, कोई मालिक नहीं।
इसलिए कल जब सरकार आए तो चुप मत रहना,अपनी आवाज उठाना, अपने सवाल पूछना। क्योंकि अगर आज हम अपने हक अधिकारों और बच्चों के भविष्य के लिए सवाल नहीं पूछेंगे, तो आने वाला कल भी आज जैसा ही रहेगा, इसलिए अपने आज को बदलने के लिए आवाज़ उठानी होगी और मांगना होगा इन सत्ता में बैठे आकाओं से, हर एक मर चुके सपनों, और बची हुई उम्मीदों का हिसाब।




