Ranchi: पूर्व क्षेत्रीय परिषद की बैठक 10 जूलाई को रांची में होने वाली है. वहीं कल होने वाली बैठक को लेकर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव आलोक दुबे ने कहा कि कल पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का शामिल होना झारखंड के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस बैठक को झारखंड की जनता सिर्फ एक औपचारिक बैठक नहीं, बल्कि अपने अधिकार, सम्मान और न्याय के साथ साथ आशाओं और अपेक्षाओं की उम्मीद के रूप में देख रही है।
आलोक कुमार दूबे ने कहा कि झारखंड की जनता वर्षों से कई बड़े सवालों के जवाब चाहती है। यह राज्य केवल कोयला, खनिज और जंगल नहीं है – यह मेहनतकशों की भूमि है, जो देश को संपदा देती है लेकिन खुद उपेक्षा का शिकार है। उन्होंने बताया कि झारखंड के कोयले से देश की बिजली जलती है, लेकिन उसी कोयले से जुड़ी हज़ारों करोड़ की रॉयल्टी और बकाया केंद्र सरकार के पास रुकी हुई है। आलोक कुमार दूबे ने कहा कि जनता की तरफ से हम अमित शाह जी से गुहार लगाते हैं कि इस आर्थिक अन्याय को तुरंत समाप्त किया जाए और झारखंड को उसका वाजिब हक मिले।
उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता की यह भी स्पष्ट मांग है कि जैसे अन्य राज्यों को केंद्र सरकार से योजनाओं का भरपूर लाभ मिल रहा है, वैसे ही झारखंड को भी मिले। आज भी कई गांवों में सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य सुविधा और स्कूल जैसे बुनियादी संसाधन नहीं हैं। आदिवासी और पिछड़े इलाकों में योजनाएं पहुँच ही नहीं पातीं। झारखंड की जनता पूछती है – क्या केंद्र सरकार की योजनाएं सिर्फ गिने-चुने राज्यों के लिए हैं?
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव ने यह भी कहा कि बिहार-झारखंड के विभाजन के बाद आज भी सैकड़ों परिसंपत्तियों का मुद्दा अधर में है। सरकारी भवन, गाड़ियाँ, कर्मचारी पेंशन, शिक्षण संस्थान – किसी का भी स्पष्ट समाधान आज तक नहीं हो पाया है। झारखंड की जनता यह नहीं चाहती कि बार-बार उसे नए राज्य होने का बहाना देकर ठगा जाए। अब वह चाहती है कि केंद्र सरकार उसके साथ संपूर्ण और सम्मानजनक समन्वय करे।
आलोक कुमार दूबे ने कहा झारखंड की जनता अब सिर्फ वादे नहीं चाहती – उसे हक चाहिए, हिस्सेदारी चाहिए और बराबरी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम अमित शाह से आग्रह करते हैं कि वे इस राज्य की अपेक्षाओं को केवल सुनें नहीं, समझें – और झारखंड को उसके हक का न्याय दिलाएं। यही झारखंड की जनता की सच्ची और भावपूर्ण गुहार है।