Ranchi:झारखंड के जननायक दिशोम गुरु शिबू सोरेन की जीवनी को स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग पब्लिक स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन (पासवा) ने झारखंड सरकार से की है।पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि,“झारखंड के जननायक को जानना प्रत्येक झारखंडी बच्चे का अधिकार है। दिशोम गुरु का जीवन त्याग, संघर्ष और सामाजिक न्याय का प्रतीक है, जिससे भावी पीढ़ियाँ प्रेरणा लेंगी।”
उन्होंने बताया कि पासवा का एक प्रतिनिधिमंडल बहुत जल्द मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू से मुलाकात कर इस विषय पर गंभीर चर्चा करेगा और शिक्षा के पाठ्यक्रम में समावेशन के लिए औपचारिक प्रस्ताव सौंपेगा।
पासवा ने शुरू की पहल, बच्चों को दी गई विस्तृत जानकारी
इस मांग को केवल शब्दों तक सीमित न रखते हुए, पासवा ने जमीनी स्तर पर पहल की शुरुआत भी कर दी है।
पासवा के प्रदेश महासचिव नीरज कुमार ने विद्यालयों में जाकर स्कूली बच्चों को दिशोम गुरु शिबू सोरेन के जीवन, आंदोलन, आदिवासी हितों के लिए, किए गए संघर्ष और उनके राजनीतिक योगदान की विस्तार से जानकारी दी।
पासवा का उद्देश्य है कि बच्चों में अपने राज्य के गौरवपूर्ण इतिहास के प्रति चेतना विकसित हो और वे अपने नायकों से प्रेरणा लें।
क्या शामिल किया जाए पाठ्यक्रम में?
पासवा का मानना है कि शिबू सोरेन की जीवनी को केवल इतिहास के अध्याय के रूप में नहीं, बल्कि मूल्य आधारित शिक्षण के रूप में बच्चों तक पहुँचाया जाए। इसके लिए निम्नलिखित पहलुओं को पाठ्यक्रम में शामिल करने का आग्रह किया गया है:
1. दिशोम गुरु की जीवनी के प्रमुख अंश:
• बाल्यकाल, पारिवारिक पृष्ठभूमि
• शिक्षा और सामाजिक चेतना की शुरुआत
• आदिवासी अधिकारों के लिए संघर्ष
• झारखंड आंदोलन में नेतृत्व भूमिका
• सांसद और मुख्यमंत्री के रूप में उपलब्धियाँ
• विचारधारा, दर्शन और संघर्षशीलता
2. कक्षा-वार प्रस्तुति का सुझाव
• प्राथमिक स्तर (कक्षा 4-5):प्रेरणादायक कहानियाँ
• माध्यमिक स्तर (कक्षा 6-8): जीवन परिचय और आदिवासी समाज की भूमिका
• उच्च माध्यमिक स्तर (कक्षा 9-12): झारखंड आंदोलन का इतिहास, सामाजिक न्याय की अवधारणा
3. शैक्षणिक गतिविधियाँ और मूल्य संवर्धन:
• निबंध, वाद-विवाद एवं पोस्टर प्रतियोगिता
• दिशोम गुरु पर आधारित प्रश्नोत्तरी (Quiz)
• डॉक्यूमेंट्री, पॉडकास्ट या एनिमेटेड वीडियो
• स्कूलों में “झारखंड नायक सप्ताह” का आयोजन
भविष्य की मांग: जेएसी सिलेबस में अनिवार्य रूप से जोड़ने की अपील
पासवान राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आग्रह किया कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) अगले सत्र से दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी के जीवन पर आधारित पाठ्य सामग्री को अपने सिलेबस में शामिल करे।
यह विद्यार्थियों को न केवल ज्ञान देगा, बल्कि सामाजिक समर्पण, नेतृत्व और संघर्ष से भी परिचित कराएगा।
अपने नायकों से जुड़ना ही सच्चा राष्ट्र निर्माण है।
पासवा का यह प्रयास महज पाठ्यपुस्तकों में एक अध्याय जोड़ने की बात नहीं, बल्कि झारखंड के बच्चों को उनकी जड़ों से, उनके संघर्षशील इतिहास से जोड़ने का अभियान है।
यह पहल भविष्य की पीढ़ियों में सामाजिक चेतना, नेतृत्व क्षमता और आत्मगौरव का भाव उत्पन्न करेगी।
मीडिया एवं सरकार से अपील
पासवा इस विषय को सामाजिक विमर्श का हिस्सा बनाना चाहता है और अपेक्षा करता है कि सरकार संवेदनशीलता और दूरदृष्टि के साथ इस प्रस्ताव पर विचार करेगी