Ranchi: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव आलोक कुमार दूबे ने आज उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री से मुलाकात कर पुराने हाईकोर्ट के बगल से डोरंडा जाने वाले रास्ते को पुनः चालू करने की मांग को जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि अब जब झारखंड हाईकोर्ट का स्थानांतरण धुर्वा हो चुका है, तो इस रास्ते को बंद रखने का कोई औचित्य नहीं रह गया है।

आलोक कुमार दूबे ने कहा कि हाईकोर्ट के बगल से डोरंडा जाने वाला रास्ता डोरंडा के लोगों की लाइफलाइन है। जब से यह मार्ग बंद हुआ है, लाखों लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस रास्ते के बंद रहने से दिहाड़ी मजदूर, स्कूल-कॉलेज जाने वाले विद्यार्थी, छोटे दुकानदार और आम जनता सभी प्रभावित हो रहे हैं। जो लोग रोज कमाकर अपना जीवन-यापन करते हैं, उनकी परेशानियां कई गुना बढ़ गई हैं।उन्होंने कहा कि डोरंडा में कई अति महत्वपूर्ण विशिष्ट व्यक्ति (VVIPs) भी रहते हैं, जिनकी सुरक्षा और आवागमन में भी इस रास्ते के बंद रहने से कठिनाइयां होती हैं।

रांची का सबसे बड़ा बाजार डोरंडा बाजार है, जहां नामकोम, हीनू, अशोक नगर, कडरू, हरमू, पुंदाग, धुर्वा और टुपुदाना तक के लाखों लोग प्रतिदिन खरीदारी करने आते हैं। पहले इन सभी क्षेत्रों के लोग आसानी से पुराने हाईकोर्ट रोड से डोरंडा पहुंचते थे, लेकिन अब रास्ता बंद होने से जाम और भ्रमण की समस्या बढ़ गई है।

आलोक दूबे ने बताया कि रांची के सभी प्रमुख विद्यालय डोरंडा में स्थित हैं। सिर्फ डोरंडा कॉलेज में ही प्रतिदिन करीब 15,000 विद्यार्थी अध्ययन के लिए आते हैं। इस रास्ते के बंद होने से छोटे-छोटे बच्चे और उनके अभिभावकों को गंभीर संकटों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार वैकल्पिक रास्तों की भीड़ और अव्यवस्था के कारण दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं, जिनमें कई निर्दोष बच्चों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी है।

धार्मिक आयोजनों में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है श्रद्धालुओं के प्रवेश द्वार इतनी संकीर्ण होते हैं की हमेशा दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है

 

उन्होंने कहा — “यह सिर्फ एक सड़क नहीं, बल्कि डोरंडा की जनता की जीवनरेखा है। जब हाईकोर्ट अब धुर्वा स्थानांतरित हो चुका है, तो प्रशासन को जनता की सुविधा के लिए इस सड़क को तुरंत खोल देना चाहिए।”

 

वहीं उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि वे इस मामले पर संज्ञान लेकर आवश्यक कदम उठाएंगे और आश्वासन दिया है कि शीघ्र ही रास्ता खोलने का मार्ग प्रशस्त होगा।

 

उपायुक्त ने गंभीरता से बातों को समझा है और जिस तरह से उपयुक्त लगातार जनता से जुड़े हुए रहते हैं उन्हें पूरा उम्मीद है कि वह डोरंडा का रास्ता खोलेंगे।

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