Ranchi: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष ने राज्य में उजागर हो रहे डीएमएफटी फंड घोटाले पर आज कड़ी प्रतिक्रिया दी। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि उन्होंने पहले भी कहा था, डीएमएफटी घोटाले में बोकारो सिर्फ़ एक झांकी है, असल में यह भ्रष्टाचार पूरे झारखंड में फैला हुआ है। अब कोडरमा और धनबाद से भी घोटालों के नए तथ्य सामने आ रहे हैं। आम तौर पर आईएएस अधिकारी एक जिले से दूसरे जिले में अनुभव लेकर जाते हैं, लेकिन हेमंत सरकार में अधिकारी अपने साथ अपने पुराने दलालों और ठेकेदार साझेदारों को भी ले जाते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, कोडरमा में डीसी रहते हुए आदित्य रंजन ने डीएमएफटी फंड से “स्किल डेवलपमेंट” के नाम पर MEPSC और तितली फाउंडेशन के साथ मिलकर जमकर लूट मचाई। अब जब वे धनबाद के डीसी बने हैं, तो वही खेल दोबारा शुरू हो गया है…MEPSC और तितली फाउंडेशन के साथ सांठगांठ कर डीएमएफटी फंड को फिर से लूटा जा रहा है। इस लूट की स्क्रिप्ट इतनी चालाकी से लिखी गई है कि टेंडर की शर्तों (terms & conditions) में बदलाव कर मनचाही कंपनियों को फायदा पहुँचाया जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मेरा आग्रह है कि कोडरमा में वर्ष 2022–24 के दौरान डीएमएफटी फंड के उपयोग की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। साथ ही, आदित्य रंजन और प्रांजल मोदी के बीच के रिश्तों की भी पड़ताल की जाए। उन्होने कहा कि धनबाद में डीएमएफटी फंड से जुड़े सभी चल रहे टेंडर प्रक्रियाओं को तत्काल रोककर निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाए।
बाबूलाल मरांडी को बिना तथ्यों की पुष्टि किए हर मुद्दे का राजनीतिकरण करने की अपनी पुरानी आदत छोड़ देनी चाहिए-लाल किशोर नाथ शाहदेव
वहीं झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने प्रतिक्रिया देते हुये कहा कि, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को बिना तथ्यों की पुष्टि किए हर मुद्दे का राजनीतिकरण करने की अपनी पुरानी आदत छोड़ देनी चाहिए। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन सरकार भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति रखती है। गठबंधन सरकार किसी भी स्तर पर, किसी भी अधिकारी या व्यक्ति द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का समर्थन नहीं करती हैं, भले ही वह कितना भी बड़ा क्यों न हो।
प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि बाबूलाल मरांडी ने जिस तरह से कोडरमा और धनबाद में कुछ अधिकारियों और संस्थाओं पर आरोप लगाए हैं, वह उनकी राजनीतिक हताशा को दिखाता है। यदि उनके पास कोई ठोस प्रमाण है, तो उन्हें इसे सार्वजनिक करना चाहिए और जांच एजेंसियों के सामने पेश करना चाहिए, न कि केवल मीडिया में ‘झांकी’ और ‘लूट’ जैसे राजनीतिक जुमलों का इस्तेमाल करना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध है। अगर डीएमएफटी फंड के उपयोग को लेकर कहीं भी कोई अनियमितता हुई है, तो सरकार से उसकी उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच कराने का आग्रह करेगे । सरकार पहले ही ऐसे मामलों पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं और किसी भी तरह की धांधली नहीं होने दी जाएगी।
लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि बाबूलाल मरांडी को अधिकारियों पर व्यक्तिगत हमले करने और उनके स्थानांतरण को दलालों से जोड़ने के बजाय, उन आरोपों को देखना चाहिए जो उनकी अपनी पार्टी के शासनकाल के दौरान हुए हैं। पार्टी उम्मीद करती हैं कि भाजपा नेता हर मामले में राजनीति करने के बजाय रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएंगे और जांच में सहयोग करेंगे।


