Ranchi: राजधानी रांची में काली पूजा उत्सव के समापन पर आज शहर के अधिकांश पंडालों में मां काली की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। श्रद्धा, भक्ति और संगीत से गूंजते वातावरण में “जय मां काली” के जयघोष के साथ भक्तों ने नम आंखों से मां को विदा किया। हालांकि डोरंडा का विसर्जन कल संपन्न होगा,भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी।
महानगर काली पूजा समिति के मुख्य संरक्षक आलोक कुमार दूबे ने कहा, “मैं सबसे पहले नगर निगम प्रशासक सुशांत गौरव,उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री,वरीय आरक्षी अधीक्षक राकेश रंजन को धन्यवाद देता हूं जिनकी सुव्यवस्थित नीतियों के कारण काली पूजा श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक बन पाया। आज पूरे रांची में मां काली की भक्ति का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। मां काली शक्ति और न्याय की प्रतीक हैं। जब हम नम आंखों से मां को विदा कर रहे थे, तो यह केवल प्रतिमा का विसर्जन नहीं था, बल्कि अपने भीतर के अंधकार और नकारात्मकता को त्यागने का संकल्प है। मां से प्रार्थना है कि झारखंड में शांति, प्रेम और एकता का दीप सदैव जलता रहे।”आलोक दूबे ने बताया राजधानी के सभी पूजा पंडाल जिसमें मुख्य रुप से मेन रोड, जयपालसिंह स्टेडियम,रातू रोड,हरमू,करमटोली,लालपुर,थड़पखना,करम टोली,पंडरा, चुटिया, बरियातू , सहित सभी पूजा पंडालों में मां को नम आंखों से मां को विदाई दी गई, विसर्जन शोभायात्रा में बड़ी संख्या में महिलाऐं भी शामिल थीं।
समिति के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने कहा की विसर्जन किसी विदाई का प्रतीक नहीं, बल्कि नई शुरुआत का प्रतीक है. भक्ति, एकता और सामाजिक सद्भाव की परंपरा का प्रतिक है। वहीं नगर निगम और जिला प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाएं प्रशंसनीय हैं।”आज शहर के सभी क्षेत्रों में शांतिपूर्ण ढंग से विसर्जन संपन्न हुआ। श्रद्धालुओं ने मां से प्रदेश की समृद्धि, शांति और कल्याण की कामना की।
कल डोरंडा में मां की विदाई के साथ राजधानी में काली पूजा पर्व का औपचारिक समापन होगा।
आज विसर्जन शोभायात्रा में मुख्य संरक्षक आलोक कुमार दुबे ,अध्यक्ष विनय कुमार सिंह, संरक्षक डॉ राजेश गुप्ता ,शंकर दुबे ,बबलू वर्मा, मेहुल दुबे, विशाल सिंह आदि उपस्थित थे।


