Ranchi: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव आलोक कुमार दूबे ने छात्रवृत्ति को लेकर भाजपा द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि भाजपा के नेता जानबूझकर आधी-अधूरी और गलत बातें जनता के बीच फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी जी को पहले अपने ‘आलाकमान’ को यह समझा देना चाहिए कि छात्रवृत्ति की राशि केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर देती हैं और इसमें केंद्र का हिस्सा सबसे अधिक होता है।
आलोक कुमार दूबे ने बताया कि केंद्र सरकार कुल राशि का लगभग 60 प्रतिशत देती है, जबकि राज्य सरकार 40 प्रतिशत का योगदान करती है। राज्य तभी भुगतान कर सकता है जब केंद्र अपना हिस्सा भेजे। भाजपा के शासनकाल में केंद्र से पैसा समय पर नहीं आता था, जिस कारण छात्रवृत्तियाँ वर्षों तक लटकी रहती थीं। हेमंत सोरेन सरकार ने आते ही लंबित मामलों को न केवल तेजी से निपटाया बल्कि पोर्टल और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया। उन्होंने कहा, “जब केंद्र से पैसा समय पर आ ही नहीं रहा था, तब राज्य किस आधार पर छात्रवृत्ति जारी करता? बाबूलाल जी को अपने नेताओं को पहले यह बेसिक तथ्य समझा देना चाहिए। झूठ बोलकर छात्रों को भ्रमित करना भाजपा की पुरानी आदत है।”
आलोक दुबे ने आरोप लगाया कि भाजपा जानबूझकर यह तथ्य छुपा रही है कि हेमंत सरकार ने रिकॉर्ड संख्या में छात्रवृत्तियाँ स्वीकृत कीं, प्रक्रियाओं को सरल बनाया और आर्थिक रूप से कमजोर तबके के बच्चों को पढ़ाई जारी रखने में मदद की। इसके उलट, भाजपा शासन में अधिकतर छात्र आवेदन वर्षों तक लंबित रहते थे और पोर्टल महीनों तक बंद रहता था। उन्होंने कहा कि भाजपा को यह बात पच नहीं रही है कि हेमंत सोरेन की सरकार ने शिक्षा, छात्रवृत्ति, गुरुजी क्रेडिट कार्ड, प्रतियोगी परीक्षा सहायता और युवाओं के लिए नई योजनाओं पर मजबूती से काम किया है। इसलिए दुष्प्रचार के सहारे राजनीति की जा रही है।
आलोक कुमार दूबे ने कहा कि झारखंड के छात्र सच जानते हैं और भाजपा की नकारात्मक राजनीति बार-बार बेनकाब होती रही है। “भाजपा का काम सिर्फ झूठ बोलना है और हमारा काम है हक दिलाना। छात्रों के अधिकारों की रक्षा आज भी गठबंधन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और आगे भी रहेगी,”।
