Ranchi:झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव आलोक कुमार दूबे ने कहा है कि न्यायालय के आज के फैसले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भाजपा और मोदी सरकार द्वारा कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ की गई कार्रवाई पूरी तरह राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित और असंवैधानिक थी।
उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड (यंग इंडियन) मामले में माननीय अदालत ने स्पष्ट रूप से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई को अवैध और दुर्भावनापूर्ण बताया है। अदालत ने यह भी साफ किया कि इस मामले में कोई वैध FIR नहीं है, और बिना FIR के कोई भी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता ही नहीं है।
आलोक कुमार दूबे ने कहा कि सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी के खिलाफ की गई कार्रवाई भाजपा की उस सोची-समझी रणनीति का हिस्सा थी, जिसके तहत पिछले एक दशक से देश के प्रमुख विपक्षी दल को डराने, बदनाम करने और लोकतांत्रिक आवाज़ों को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है। आज अदालत के फैसले से यह साज़िश देश के सामने पूरी तरह बेनकाब हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि न तो मनी लॉन्ड्रिंग का कोई मामला था, न किसी अपराध से अर्जित आय का प्रमाण और न ही किसी संपत्ति के अवैध हस्तांतरण का कोई सबूत। इसके बावजूद ED का दुरुपयोग कर कांग्रेस नेतृत्व को निशाना बनाया गया, जो लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक प्रवृत्ति है।
आलोक कुमार दूबे ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि
“भाजपा जांच एजेंसियों को अपना राजनीतिक हथियार बनाकर लोकतंत्र की हत्या करना चाहती है, लेकिन कांग्रेस न कभी झुकी है और न झुकेगी। सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं।न्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसका नेतृत्व संविधान, लोकतंत्र और आम नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए हर मोर्चे पर संघर्ष करता रहेगा। भाजपा की दमनकारी राजनीति से कांग्रेस डरने वाली नहीं है।
अंत में उन्होंने कहा,“आज यह फैसला सिर्फ कांग्रेस की नहीं, बल्कि पूरे देश में लोकतंत्र और न्याय में विश्वास रखने वाले हर नागरिक की जीत है। सत्यमेव जयते।”
